Thursday, September 10, 2020

एक दिन जब घर में नहीं था पानी 


एक दिन जब घर में नहीं था पानी ,
सबको फिर याद आई नानी |
घर में सिर्फ एक घड़ा था ,
वह भी आधा भरा पड़ा था |

मुँह धोते या पानी पीते ,
घर में पड़े सब
बर्तन रीते |
हमने आज नहाया नहीं है ,
माँ ने कुछ भी पकाया नहीं है |

जूठे बर्तन औंधे पड़े हैं ,
माँ पापा चिंता में खड़े हैं |
आस पास भी नहीं है पानी ,
यह है बहुत बड़ी परेशानी |

याद आ रहा माँ का ताना ,
बंद करो नल, मत गाओ गाना |
बूँद बूँद जो नहीं बचाओगे ,
तो तुम भविष्य में पछताओगे |

पानी का तुम जानो मोल ,
यह चीज है बहुत अनमोल |
ईश्वर के यह हैं वरदान ,
जल, वायु, भूमि, अग्नि, आकाश महान |

पंचतत्व का करो सम्मान ,
फिर बनेगी पृथ्वी महान |
वृक्ष, मछली, मानव, खेत ,
बिन पानी सब है रेत |

घूँट घूँट भर पानी है पीते ,
पूरा दिन बीता है ऐसे |
सोचो यदि पानी न होगा ,
तो फिर जीवन कैसे होगा |

आज हम लें यह संकल्प ,
और बनाये अपना कल |
जल, थल, नभ को बचाना है ,
यही तो हमारा खजाना है |

बूँद बूँद से गागर है भरता,

बूँद बूँद से सागर है भरता |
बूँद बूँद हम तुम बचाएं ,
आओ जल संरक्षण बढ़ाएं |


-तूलिका तिवारी

7 comments:

  1. words you choose is very beautiful proud of my lil sister

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  2. तूलिका बेटे निरन्तर उन्नति करो एवं अपने केरियर में हमेशा सफल रहो।

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Thanks a lot for making my day!!!❤