चिड़िया
चिड़िया करती चू - चू 🐥,
जैसे चूड़ियाँ मम्मी की।
सुबह सवेरे सूरज की किरणों🌞,
से पहले उठ जाती ,
न जाने क्या - क्या गाती ।
सुरीली कितनी आवाज तुम्हारी ,
तुम तो हो पेड़ों की राजकुमारी ।
लकड़ी , रस्सी जोड़ - जोड़कर,
अपना घर बनाती🏡 ।
धूप , वायु , बारिश , दुश्मन से ☔
अपना परिवार बचाती ।
डाल पे डाल खूब है जाती ,
मस्ती भी तो खूब मचाती।
पेड़ों पर कूदती ,
फड़फड़ाकर उड़ जाती ।
कभी पानी में नहाती ,
एक -एक करके दाने खाती ।
एक -एक करके दाने खाती ।
सारे दाने चुगजाती ,
लंबी दौड़ खूब लगाती।
कभी- कभी डरते - डरते ,
फड़ -फड़ाकर उड़ जाती।
पंख फैलाकर आसमान में ,
यहाँ से वहाँ उड़के जाती ,
यहाँ से वहाँ उड़के जाती ,
वहाँ से यहाँ उड़के आती।
चू - चू करके चिड़िया आती ,
अपना नाच खूब दिखाती।
शाम से पहले घर आ जाती ,
खूब महनत करके ,
बच्चों के लिए दाना लाती ।
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