Tuesday, August 11, 2020

कान्हा

ता ता थैया ,
कृष्ण कन्हैया ,
बाँसुरी बजाए। 
गाय को नचाए🐄।

माथे ऊपर,
मोर पंख सजाये🦚। 

माखन चोर कहलाए।  
इसलिए सब कहते 
"माखन चोर,
मटकी फोड़ " 

अपनी धुन में,
सबको नचाए। 
जिनका सदन, 
वृन्दावन कहलाए। 

उनके प्रिय मित्र,
दामा, श्रीदामा,
सुदामा, वासुदामा कहलाए।

गोकुल और वृन्दावन में ,
होली बहुत प्रसिद्ध है,
क्योंकि वह राधा-कृष्णा से सम्बंधित है। 

                                            -तूलिका तिवारी

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